संग्रहालय जो संस्कृति विरासतों का आलय है, जहाँ संस्कारों से भरा वात्सल्य है, जहाँ पर काया को शांति निश्चित है, वो संग्रहालय है, संग्रहालय है ! जो विशिष्ट विचारों का देवालय है, जहाँ विविध ज्ञान का हिमालय है, जहाँ मस्तिष्क को कांति निश्चित है, वो संग्रहालय है, संग्रहालय है ! जो जनचेतना का सचिवालय है, जहाँ प्रोत्साहन का मुख्यालय है, जहाँ मानव मन में ज्योति निश्चित है, वो संग्रहालय है, संग्रहालय है ! जो सृजनता का प्रयोगालय है, जहाँ उपकरणों का आलय है, जहाँ सीख शिक्षा से ख्याति निश्चित है, वो संग्रहालय है, संग्रहालय है ! कवि आनंद दाधीच, भारत ©Anand Dadhich #Internationalmuseumday #संग्रहालय #kaviananddadhich #poetananddadhich #hindipoetry #poetsofindia