रात को दिन दिन को कर दिया, तेरी खुशी की खातिर, गमो से अपना दामन भर लिया। तेरी एक मुस्कान पर अपना सब कुछ वार दिया। तुम्हें सूखे में खुद को गीले मे कर लिया, ये मां थी जिसने तुम पर, अपना पूरा जीवन वार दिया। तेरी एक इच्छा के कारण, अपनी इच्छाओं को दफन कर दिया। तेरी चोट पर दिन-रात रोती रही, तु एक आँसू रोया, इसने आंसुओं से आंचल भिगा लिया। ये मां थी जिसने तुम पर, अपना पूरा जीवन वार दिया। तेरी भूख की चिंता में, भूख अपना भी मार दिया। तेरे देर रात आने पर, सबसे पहले तेरी भूख का सुध लिया। तेरे आने के इंतजार में आंखों की नींद गवायी। अपना ध्यान तेरी राहों में लगा दिया। ये माॅ थी जिसने तुम पर, अपना पूरा जीवन वार दिया। माँ के प्यार का कर्ज कोई, जिंदगी भर की किश्तो से नहीं चुका पाया। माॅ गर रहेगी खुश तो, स्वर्ग तो तुमने यूँ ही पा लिया। माॅ की सेवा में आस्था रख, तुने सारे तीर्थ का पुण्य आप ही पा लिया। ये माँ थीं जिसने तुम पर, अपना पूरा जीवन वार दिया। ©Kiran Tiwari #ये_माँ_थी.... #Mic