Nojoto: Largest Storytelling Platform

तहजीबे लखनऊ से है ये शाम - ए -लखनऊ, हर दर्ज़ा वाजा

तहजीबे लखनऊ से है ये शाम - ए -लखनऊ,
हर दर्ज़ा वाजादर है ये खज़ा- ए- लखनऊ
शामिल किया था नाम में बेगम के महल को,
बेगम को महल कहते थे सुल्तान - ए - लखनऊ।
दुनिया में नहीं दात की छत इतनी बड़ी, और
है आसिफी इमामबाड़ा की छत आने लखनऊ, 
छत पर बनी है भुलभुलैया की इमारत, 
आते है जिसे देखने अनजाने लखनऊ। #लखनऊ
तहजीबे लखनऊ से है ये शाम - ए -लखनऊ,
हर दर्ज़ा वाजादर है ये खज़ा- ए- लखनऊ
शामिल किया था नाम में बेगम के महल को,
बेगम को महल कहते थे सुल्तान - ए - लखनऊ।
दुनिया में नहीं दात की छत इतनी बड़ी, और
है आसिफी इमामबाड़ा की छत आने लखनऊ, 
छत पर बनी है भुलभुलैया की इमारत, 
आते है जिसे देखने अनजाने लखनऊ। #लखनऊ