सपनों की धूप में जलता है बदन, रातों के सांये में कैसी ये तपन? लिखकर कागज़ों पे मुस्कुराता है, दर्द जो सीने में रह गए दफ़न दुनिया के रंगों से चिढ़ता है, मुफलिसी की झांई में होके मगन कलाकार कला का करे कलम से कारीगरी शीत मरुत हो, या झोंके अगन सुप्रभात। प्रस्तुत है एक #collab Rest Zone की ओर से। #सपनोंकीधूप #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi #भुवनेश #yqdidi #yqhindi #shayari #life