तेरे चार कबूरत मेरा पंचवा तीतर । जाँ में जिंदगी ,खाली पिजड़ा भीतर ।। जिधर नजर उधर चलदो बाबू जी । आज सवेरा दुबक रहा रात के भीरत ।। ©Devansh Parashar #DevanshParashar #Nojoto #rain