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उद्यान तो एक ही हैं लेकिन उसकी तीन... झाड़ियों पर

उद्यान तो एक ही हैं लेकिन उसकी तीन...
झाड़ियों  पर अलग अळग उत्पादन हैं
पहली झाड़ी पर केवल  कांटे  उगे हैं.
लेकिन गुलाब नहीं ऊगा हैं   .....
दूसरी झाडी  पर  सिर्फ गुलाब उगे हैं..
और काँटों की उपस्तिथि नहीं है
इन दोनों झाड़ियों  के  कांटे और  गुलाब
वैधव्य का दुख भोग  रहे है क्योकि दोनों एक दूसरे  के अभाव मे उग आये है.
केकिन वहा एक इसरी झाडी  भी है
जिस पर  गुलाब और कांटे  दोनों साथ साथ उगे है    ळगता है इस झाड़ी के 
गुलान और कांटे  दोनों जैसे अमर सुहाग और सुहागन का सुख  भोग रहे   है

©Arora PR
  वैधव्य   vs सुहागन
arorapr7519

Arora PR

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वैधव्य vs सुहागन #कविता

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