वासुदेव रोहिणी की पुत्री और कृष्ण बलराम की बहन थी सुभद्रा। रैवतक उत्सव में सुभद्रा और अर्जुन की थी पहली मुलाकात हुयी। सुभद्रा के रूप की सुंदरता और तेज ने अर्जुन का मन मोह लिया। सुभद्रा भी आकर्षित और मोहित हुयी अर्जुन को अपना मान लिया। द्वारिका पुरी में अर्जुन गए तब सुभद्रा का कृष्ण ने परिचय कराया। प्रेम पनप चुका था पहले से ही दोनों के मन में धीरे-धीरे प्रेम बढ़ाया। बलराम जी ने शिष्य दुर्योधन के संग सुभद्रा का ब्याह था तय किया। कृष्ण को जब बताया कृष्ण मंद- मंद मुस्काए पर विरोध ना जताया। विवाह की खबर सुन सुभद्रा- अर्जुन दोनों का हृदय अकुलाने लगा। कृष्ण ने अर्जुन को सुभद्रा का अपहरण करने का उपाय सुझाया। गौरी पूजा को गई जब सुभद्रा तब अर्जुन ने सुभद्रा का हरण किया। कृष्ण के कहने पर ही रथ का सारथी अर्जुन ने सुभद्रा को बनाया। बलराम क्रोधित हुए जब बहुत कृष्ण ने दोनों के प्रेम को बताया। कृष्ण के समझाने पर बलराम ने दोनों का धूमधाम से ब्याह रचाया। द्रोपदी ने भी सुभद्रा को मान देकर हृदय से अपनाया बहन बनाया। अभिमन्यु की मां थी जिसने महाभारत में चक्रव्यूह तोड़ा अमर हो गया। #good #writer #yqbaba #yqdidi #collab #competition #arjunandsubhadra Time limit till 10:00pm tonight... No word limit You have to maintain these hashtags Kindly keep the bell icon on to get recent updates... Results will be out tomorrow along with new topic... All the best...