कुछ इस तरह वक्त की मार हूँ मैं दर्द और फरेब का शिकार हूँ मैं हर कोई छलता यहाँ पग-पग मुझे जैसे ना चुकाया कोई उधार हूँ मैं कुछ इस तरह वक्त की मार हूँ मैं दर्द और फरेब का शिकार हूँ मैं हर कोई छलता यहाँ पग-पग मुझे जैसे ना चुकाया कोई उधार हूँ मैं था आसमान कभी अब हूँ खाई कोई खुद ही खुद की बड़ी कोई हार हूँ मैं