" दिल से निकाल दिया , तेरी छाप अब भी बरकरार है , बेशक शाम हो जाया करती हैं , तेरी यादें अब भी कायम हैं , दिल से निकाल दिया , तेरी चाहतो के सिलवटें उस तरह ही हैं , रूक जाए कहीं ठहरी यादें आज मिल जाती हैं , जशन अब क्या मनाऊ मैं तन्हाई का , तेरी यादें मेंरी दिल को छोड़ा ही नहीं . " --- रबिंद्र राम दिल से निकाल दिया... #दिलसेनिकालदिया #collab #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi