Nojoto: Largest Storytelling Platform

शाम ढले गगन तले बन्शी बजाना तुम। मन व्याकुल है दिल

शाम ढले गगन तले बन्शी बजाना तुम।
मन व्याकुल है दिल से लगाना तुम।
तेरी दासी है उदासी  कहां खो गए तुम।
 राह देखते वर्षों वित गये कब आओगे तुम।

©ANSARI ANSARI
  कब आओगे।

कब आओगे। #Thoughts

448 Views