कविता: किरदार किसी को हँसाये, किसी को रुलाये, कोई परेशाँ है, कोई हँसे तो कोई बिलखे, कोई चुप, तो कोई चीखे, उम्र के अलग-अलग पड़ावों में, अभिनय मिले, नए नए किरदारों में, ज़िन्दगी! ज़िन्दगी तू मक़बूल अदाकार है, कि, क्या ख़ूब अदायगी है तेरी, सबकुछ बिल्कुल मौलिक लगे, और उस भगवान का निर्देशन तो देखो, कि हम जग के लोगों को सांसारिक लगे। https://youtu.be/XiOCdj5Cac0 नमस्कार दोस्तों!!! मेरी अपनी कविताओं में से एक पसंदीदा कविता आप सभी के समक्ष प्रेषित है । ज़िन्दगी और रंगमंच को आधार बनाकर उस पर कविता है, आनंद लीजिये!!!! ख़ूब शेयर करें।।। #worldtheatreday #worldtheaterday #विश्वनाट्यदिवस #विश्वरंगमंचदिवस #रंगमंच #नाटक #कविता #नज़्म