मैं महकती मिट्टी हूँ किसी आँगन की, मुझको दीवार बनाने पर तुली है दुनिया| मैं रोशनी हूँ एक ढलते सूरज की, मुझको सुबह बनाने पर तुली है दुनिया | मैं अक्सर सोख लेता हूँ एक बूँद को ओस की, मुझको समन्दर बनाने पर तुली है दुनिया | और मैं तो संकेत हूँ किसी मंजिल के राह का, अब मुझको भी गुमराह बनाने पर तुली है दुनिया | मैं महकती मिट्टी हूँ किसी आँगन की, मुझको दीवार बनाने पर तुली है दुनिया| #poetry #instawriters #writersofinstagram #writersofig #writersofindia #igwriters #igwritersclub #kotawriters #arjquotes #nojoto #दीवार