जहाँ सब एक जुट होकर बिना किसी स्वार्थ के एक दूजे का साथ निभाते है उस बचपन की मट्टी बारिश में भीगे वस्त्र हीन दोस्तों के संग कुछ पल ले गई ये जवानी छीन वो पल याद आते है पिता से छुपा कर मां के दिये चंद रुपए 1 रुपए में क्या क्या खाएं वो बचपन के सोच विचार मुझे आज रुलाते है वो मट्टी के घर याद आते है जहाँ बस्ती है खुशिया वो इकठे परिवार मट्टी के घर याद आतें है शहर के इन मकानों में सुकून नहीं मिल रहा। गर्मी ने लोगों के दिल भी झुलसा दिए हैं। याद बहुत आते हैं अब मिट्टी के वो घर और उन घरों में रहने वाले लोग। #मिट्टीकेघर #collab #yqdidi #YourQuoteAndMine #sukhi56wala #terasukhi #terasukhiqyotes #1_tera_sukhi Collaborating with YourQuote Didi