मायके से लौटते वक्त बैठक में टँगी तस्वीर में छूट गए पापा... देहरी पर छूट गई माँ... कार तक आईं भाभी... स्टेशन तक छोड़ने आये भैया और शहर तक भतीजा... छूटने और छोड़ने की इन रीतियों के बीच मैं समेटकर ले आई पापा का आशीर्वाद... माँ की ममता... भाभी का अपनत्व... भैया का स्नेह... और भतीजे से मिला सम्मान... और दे आई दुआएं कि बस इसी तरह भरा पूरा रहे मेरा मायका। बना रहे यूँ ही हम सबका स्नेह बंधन।। ©रश्मि बरनवाल "कृति" #LongRoad #mayka #memories #summervacation #Hindi #hindi_poetry