ख़ुद से बे–ख़बर हम होने लगे हर पल दिल की जो ख़बर रखने लगे धीरे धीरे तेरे खयालों में खोने लगे हर दर्द मुझ पर बेअसर लगने लगे तेरी इश्क़ की चाहत में हम मरने लगे हुई जो तुमसे मोहब्बत ख़ुद से खोने लगे जबसे आए तुम ज़िन्दगी में सनम हम तेरे होने लगे शाम–ओ–सहर तेरी ही खैरियत दुआ मांँगने लगे ♥️ Challenge-812 #collabwithकोराकाग़ज़ ♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें :) ♥️ रचना लिखने के बाद इस पोस्ट पर Done काॅमेंट करें। ♥️ अन्य नियम एवं निर्देशों के लिए पिन पोस्ट 📌 पढ़ें।