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तुम मैं और चांद,कभी साथ थे, अनकहे अनसुने जज्बात थे

तुम मैं और चांद,कभी साथ थे, अनकहे अनसुने जज्बात थे, फूलो पर पड़ी शबनम से चांद को देखना,चांद है तो हमारे पास, फिर भी, एक दूसरे में अधूरे है हम।

©Saurabh Singh #citylight #Moon #moonlight #chaikidukan
तुम मैं और चांद,कभी साथ थे, अनकहे अनसुने जज्बात थे, फूलो पर पड़ी शबनम से चांद को देखना,चांद है तो हमारे पास, फिर भी, एक दूसरे में अधूरे है हम।

©Saurabh Singh #citylight #Moon #moonlight #chaikidukan