#OpenPoetry बहन करती जिसका बेसर्बी से इंतज़ार है देखो आ गया राखी का त्यौहार है भाई की कलाई और बहन का प्यार है देखो राखी से सज गया सारा बाज़ार है। झिलमिल कर रहे सारे सितारे है बज रही दिल में गीतार है हो रही थोड़ी तकरार है देखो राखी से सज गया सारा बाज़ार है। सज गयी सारी बहने है भाईओं ने भी पहनी पगड़ी है ढीली हो रही जेब है देखो राखी से सज गया सारा बाज़ार है। गुलाब जामुन से सज गयी थाल है कुकु, चावल ने भी धारण किया अपना स्थान है वक़्त भी दे रहा एक मिसाल है देखो राखी से सज गया सारा बाज़ार है। पूछ रही बहना एक सवाल है क्या दे पाओगे मुझे रक्षा का वरदान है यह सिर्फ धागा नहीं है वादा साथ निभाने का है देखो राखी से सज गया सारा बाज़ार है। भाई ने दिया प्यारा जवाब है मेरी बहन मेरे लिए नायब है उपहारों में फूलो की हुई बौछार है देखो राखी से सज गया सारा बाज़ार है। हर किसी के किस्मत में बहन का प्यार कहा है वो खुसनसीब है जिनके भाग्य में एक प्यारी बहना है सुख दुःख बाटने का ख़िताब उसे ही मिलता है देखो राखी से सज गया सारा बाज़ार है। #राखी