चुप थे सी लिया होठो को, चुप थे ,कोई आह ना निकल जाए.. वक़्त ठहरा था कुछ पल के लिए दोनो के दरम्यां, आरज़ू यही थी ,उनकी बाहों में, हमारी जाँ निकल जाए। ©Dr Manju Juneja #चुपथे #होठोको #दरम्यां #जाँ #उनकी #बाहोंमे #वक़्त #ठहरा #twoliner # #PoetInYou