तेरी खुशबू आज भी तेरे कमरे से आती है तेरे बारे मे सोचते ही मेरी आंखे भर सी जाती है। कर जाते है बैचेन तेरे साथ बिताये हुए लमहे ,रुला देती है मुक्षे तेरी बाते । फिर जल उठती है सिगार भर जाती है जाम , फिर एक और साम तेरि यादो मे युं कट जाती है। निकलता है फिर लहु कलम से मेरि और एक उदास गजल कोरे पनौ पर उतर आती है मेरि । समभल कर गुजरति हु उस घर मे आज भी । जो तेरे कमरे को होकर मेरे कमरे से गुजरती है। यही हुई थी हमारि पहचान । यही जली थी लाश तेरी । ©Muskan Sharma #death of some one special #Death