बसंत देख तुम बहार लिखते हो श्रावन देख बरसात..... हम हालातों के मारे है,गाँव की परेशानियाँ दिखती है, और उससे फिर अपने दिल के जज्बात लिखते है...!! वास्तविक परिचय- प्रेम से नफरत और नफरत से प्रेम करता हूँ शान्ति का पुजारी मग़र क्रांति भी आहवान करता हूँ राम भक्त नही ,क्योंकि मैं धर्म संविधान को मानता हूँ भगत -आजाद का भक्त ,राष्ट्र सर्वोपरि मानता हूँ