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बसंत देख तुम बहार लिखते हो श्रावन देख बरसात.....

बसंत देख तुम बहार लिखते हो 
श्रावन देख बरसात.....
हम हालातों के मारे है,गाँव की परेशानियाँ दिखती है,
और उससे फिर अपने दिल के जज्बात लिखते है...!! वास्तविक परिचय- प्रेम से नफरत और नफरत से प्रेम करता हूँ
                       
              शान्ति का पुजारी मग़र क्रांति भी आहवान करता हूँ

          राम भक्त नही ,क्योंकि मैं धर्म संविधान को मानता हूँ
    
         भगत -आजाद का भक्त ,राष्ट्र सर्वोपरि मानता हूँ
बसंत देख तुम बहार लिखते हो 
श्रावन देख बरसात.....
हम हालातों के मारे है,गाँव की परेशानियाँ दिखती है,
और उससे फिर अपने दिल के जज्बात लिखते है...!! वास्तविक परिचय- प्रेम से नफरत और नफरत से प्रेम करता हूँ
                       
              शान्ति का पुजारी मग़र क्रांति भी आहवान करता हूँ

          राम भक्त नही ,क्योंकि मैं धर्म संविधान को मानता हूँ
    
         भगत -आजाद का भक्त ,राष्ट्र सर्वोपरि मानता हूँ