।। संविधान ख़तरे में है ।। उम्र जिसने जनता का धन खा के बिताई , अपने जेब भरने के लिए देश की बली चढ़ाई , सत्तर सालो से कर रहे थे अपनी मन मानी , परिवार जिसने अपने हित के लिए देश की आबरू लुटाई । आज सत्ता बदली है देश हित के काम हो रहे है । देश की ऊनती देख कर कहते है संविधान ख़तरे में है ।। खाओ ओर खिलाओ ये नारा घर घर गूंजता था , न्याय मांगने पर ये कानून भी गूंगा था , अमीर ज्यादा अमीर ओर गरीब यहां लाचार था , कितने भस्टाचार के यहां किसे सुनाऊ ... यहां आये दिन एक नया गोटाला था । अब सत्ता बदली है ना खाऊंगा ना खिलाऊंगा ये नारा घर घर गूंजता है । देख के अपना भूरा हाल कहते है संविधान ख़तरे में है ।। छप्पन इंच की छाती जिसकी देश हित को समझता भलीभांति , हर गली हर मोहल्ले में बोलता काम जिसका , दुश्मन नाम से ही कॉप जाते ऐसी पहचान उनकी , भारत को विश्व गुरु बनना उनका एक मात्र लक्स । अब सत्ता बदली है अब देश बदल रहा है हर व्यकि खुशहाल है । देख बदलते भारत को कहते है संविधान खतरे में है ।। #NojotoQuote आज की राजनीति ..