Law and Justice जिसकी मुकरने की न कोई वजह हो, एक अक्षर की गलती भी बड़ी सजा हो। तराजू पे रख जिसका आधार भारी हो जाये, तमाम साजिशों का जो खण्डन हो जाये।। सारी दुनिया से जिसका मत अलग हो जाये, हर अहसास का दर्पण से आभास कराये। मजबूत डोरी जिसकी टूटने न पाये, वास्तविकता तो मित्रता निभाये।। आत्मा तो बेरहमी से पल पल सताये, न्याय की प्रक्रिया में कोई ढील न दिखाये। कटघरे में जो आशावादी सोच जगाये, यही एक कडुवा शब्द है तो नियम कहलाये।। #Law and #Justice