तुझसे हूँ, तुझमे ही मिल जाऊंगा, ऐ माटी तू अपना बना लेना, तू गोद में अपनी सुला लेना, पंचभूतो से ये बना शरीर, पंचभूतों को ही करता हूँ अर्पण, ऐ अग्नि तू मुझे अपना लेना, अग्नि को गर बाधा आये, ऐ पवन तू साथ निभा देना, जब हो जाऊ ढेर राख की, गंगा में मुझे मिला देना, जब किसी को मैं आऊं याद, ऐ आकाश कुछ बुँदे बरसा देना, भूल न जाना ऐ वादियों मुझे, कुछ गीत मेरे तुम गा लेना, तुझसे हूँ, तुझमे ही मिल जाऊंगा, ऐ माटी तू अपना बना लेना.... ©Ajay Chaurasiya #pnchbhut