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क़लम जब चलती है, अहसासों को ज़ाहिर है करती, इसने क

क़लम जब चलती है, अहसासों को ज़ाहिर है करती,
इसने कई अंजानों के मन में, प्यार का फूल खिलाया।
क़लम में इतनी ताक़त है, तलवार से भी नहीं डरती,
दूर रहते नातों को, क़लम ने नज़दीक लाकर मिलाया।

©Amit Singhal "Aseemit"
  #क़लम