*✍🏻“सुविचार"*📝 🌫️*“2/8/2021”*🌫️ 🌧️ *“सोमवार”*🌧️ “स्वच्छता” ... यदि स्वच्छता इस “तन” में नहीं होगी तो व्यक्ति “शारीरिक रूप” से “पीड़ा” सहेगा,अब उसी प्रकार “अतिआवश्यक” है कि “स्वच्छता” मन में भी हो, यदि ये स्वच्छता “मन” में न हुई तो व्यक्ति “चारित्रिक रूप” से पीड़ा सहता हैं... अब इसका “निवारण” क्या हैं ? यदि रोग “तन” में हैं तो सर्वप्रथम “स्वच्छता” रखना सिखिए,इस “शरीर” को “स्वच्छ” रखना सिखिए,“समझदारी” के साथ डटकर इस “रोग का सामना” किजिए,“भयभीत” होने की आवश्यकता नहीं हैं,“व्यायाम” करते रहिए, सब ठीक होगा... अब उसी प्रकार ये रोग “मन” में हो तो क्या करें, सर्वप्रथम “आधार” पर ध्यान दिजिए, आपका आधार हैं आपका "आहार", जैसा आप “खाओगे” वहीं आप बनोगे,उसी प्रकार जो आप सोचते हो वहीं आप बनते हो, इसलिए इस सोच को “सकारात्मक” बनाइए, सबकुछ ठीक होगा... आपके,मेरे,हम सबके मन में एक “राक्षश” रहता हैं उसका “सामना” करे,उसे “परास्त” करे तो ये “रोग” चाहे “तन” का हो या “मन” का यदि उचित समय पर इसे नहीं रोका गया तो अनुचित समय पर ये “महामारी” बन सकता हैं... इसलिए “सावधान” रहें “स्वस्थ” रहें... *“अतुल शर्मा 🖋️📝* *✍🏻“सुविचार"*📝 🌫️*“2/8/2021”*🌫️ 🌧️ *“सोमवार”*🌧️ #“स्वच्छता” #“तन”