आईने में दिखी दरार या'नी तू, मिरी बेचैनी है बे-क़रार या'नी तू। हँसता सा रहा मैं ज़माने में सदा, आँसुओं का है दयार या'नी तू। अहद है शामिल मेरी दुआओं में, टूटे तारों की कतार या'नी तू। मख़मूर बस सुब्हों से शाम तक, एक सालों रहा खुमार या'नी तू। मख़मूर-state of being drunk