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बलिदानियों की सांसो से लहरा रहा ये झंडा है वे तो ब

बलिदानियों की सांसो से
लहरा रहा ये झंडा है
वे तो बस चुनिंदा है
फिर भी रगों में जिंदा है
परतंत्रता की बेङियों में 
उसने रहना सीखा नहीं
आघात पर आघात सहे 
फिर भी कभी चीखा नहीं

आई तो बस एक चीख
INQUILAB ZINDABAAD

                               ~विश्व रंजन #newindia
बलिदानियों की सांसो से
लहरा रहा ये झंडा है
वे तो बस चुनिंदा है
फिर भी रगों में जिंदा है
परतंत्रता की बेङियों में 
उसने रहना सीखा नहीं
आघात पर आघात सहे 
फिर भी कभी चीखा नहीं

आई तो बस एक चीख
INQUILAB ZINDABAAD

                               ~विश्व रंजन #newindia