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कभी कही ऐसा दौर हुआ करता था।। जब मैं औरों के हक म

कभी कही ऐसा दौर हुआ करता था।।
 जब मैं औरों के हक में दुआ करता था।
जो आज देख रही है तुम्हें एक बंजर  जमीन।।
यहा पर भी एक हसीन बाग हुआ करता था।
कहां ले जाएगी यह जिंदगी की मसरूफियत मुझे।
गया वह जमाना गया जब मैं सुकून से सोया करता था।
बदल दिया ना जाने किस चीज में मुझे हर किसी की फिक्र करें ऐसा भी एक 'vivek' हुआ करता था। मेरी जिंदगी का सच
कभी कही ऐसा दौर हुआ करता था।।
 जब मैं औरों के हक में दुआ करता था।
जो आज देख रही है तुम्हें एक बंजर  जमीन।।
यहा पर भी एक हसीन बाग हुआ करता था।
कहां ले जाएगी यह जिंदगी की मसरूफियत मुझे।
गया वह जमाना गया जब मैं सुकून से सोया करता था।
बदल दिया ना जाने किस चीज में मुझे हर किसी की फिक्र करें ऐसा भी एक 'vivek' हुआ करता था। मेरी जिंदगी का सच