यूँ तो कलम हर रोज उठती है मुकम्मल तुझे लिखने को... गर एक कतरा भी तेरा लिख दे, मुकम्मल खुद कलम हो जाएगी...।। - शैलेश ओझा #ShiningInDark #Shailesh #Ojha