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एक कहानी पुरानी... *प्राचीन काल में एक

एक कहानी पुरानी...











 *प्राचीन काल में एक बार, इंद्र देव किसी वजह से नर जाती पर क्रोधित हो गए और कह दिया कि बारह साल तक धरती पर वर्ष नहीं होगा। यह बात जानकर सारे किसान चिंतित हो गए और इंद्र देव से विज्ञापन करते है कि उन पर  दया करे, अगर बारिश ना हो तो अनाज उगा नहीं पाएंगे और धरती पर अकाल पद जाएगा, इसलिए अपना श्राप वापस ले ले।
* पर इंद्र जी उनसे प्रसन्न नहीं थे, बहुत सोचकर कहते है कि जब शिवजी अपना डमरू बजायेंगे तभी बारिश होगी, पर इंद्र देव पहले ही शिवजी से विज्ञापन करते है कि बारह साल तक अपना डमरू ना बजाएं और अगर मनुष्य उनसे डमरू बजाने की विनती करे तो साफ इनकार कर दे। 
*जब सारे लोग शिवजी से अपने डमरू बजाने की प्रार्थना करते है तो महादेव साफ कह देते है कि अब बारह साल बाद ही डमरू बजाएंगे। किसान निराश होकर बारह साल बीत जाने का इंतजार करने लगते है।
*उनमें से एक किसान हर दिन खेत में काम करता रहता है और बारिश का इंतजार करता है। बाकी किसान इन पर हसने लगते है कि जब पता है कि बारिश नहीं होनेवाली है और फसल नहीं मिलेगा फिर भी तीन साल से खेत में काम कर रहा है। लेकिन वह किसान हमेशा की तरह बड़ी मेहनत से खेत में करने लगता है और उनसे कहता है कि - " हां! यह बात मुझे भी याद है कि बारिश नहीं होगी, लेकिन मै इसलिए काम कर रहा हूं ताकि जब बारह साल बाद बारिश होगी, तब कहीं मै खेत का काम न भूल जाऊ और काम करने में कोई दिक्कत ना हो। 
* देवी पार्वती इस किसान कि मेहनत की प्रशंसा करते हुए शिवजी से मजाक करती है कि "कहीं बारह साल बाद आप डमरू बजाना ना भूल जाए"।
*यह बात सुनते ही शिवजी अप्रत्यन अपने डमरू बजाते है और बारिश हो जाती है।
*किसान अपनी खेत में फसल देखकर खुश हो जाता है और बाकी किसान अपनी आलसीपन को कोसकर अगले साल खेती करना का इंतजार करते है।
* तो कहानी का सारांश यह है कि
एक कहानी पुरानी...











 *प्राचीन काल में एक बार, इंद्र देव किसी वजह से नर जाती पर क्रोधित हो गए और कह दिया कि बारह साल तक धरती पर वर्ष नहीं होगा। यह बात जानकर सारे किसान चिंतित हो गए और इंद्र देव से विज्ञापन करते है कि उन पर  दया करे, अगर बारिश ना हो तो अनाज उगा नहीं पाएंगे और धरती पर अकाल पद जाएगा, इसलिए अपना श्राप वापस ले ले।
* पर इंद्र जी उनसे प्रसन्न नहीं थे, बहुत सोचकर कहते है कि जब शिवजी अपना डमरू बजायेंगे तभी बारिश होगी, पर इंद्र देव पहले ही शिवजी से विज्ञापन करते है कि बारह साल तक अपना डमरू ना बजाएं और अगर मनुष्य उनसे डमरू बजाने की विनती करे तो साफ इनकार कर दे। 
*जब सारे लोग शिवजी से अपने डमरू बजाने की प्रार्थना करते है तो महादेव साफ कह देते है कि अब बारह साल बाद ही डमरू बजाएंगे। किसान निराश होकर बारह साल बीत जाने का इंतजार करने लगते है।
*उनमें से एक किसान हर दिन खेत में काम करता रहता है और बारिश का इंतजार करता है। बाकी किसान इन पर हसने लगते है कि जब पता है कि बारिश नहीं होनेवाली है और फसल नहीं मिलेगा फिर भी तीन साल से खेत में काम कर रहा है। लेकिन वह किसान हमेशा की तरह बड़ी मेहनत से खेत में करने लगता है और उनसे कहता है कि - " हां! यह बात मुझे भी याद है कि बारिश नहीं होगी, लेकिन मै इसलिए काम कर रहा हूं ताकि जब बारह साल बाद बारिश होगी, तब कहीं मै खेत का काम न भूल जाऊ और काम करने में कोई दिक्कत ना हो। 
* देवी पार्वती इस किसान कि मेहनत की प्रशंसा करते हुए शिवजी से मजाक करती है कि "कहीं बारह साल बाद आप डमरू बजाना ना भूल जाए"।
*यह बात सुनते ही शिवजी अप्रत्यन अपने डमरू बजाते है और बारिश हो जाती है।
*किसान अपनी खेत में फसल देखकर खुश हो जाता है और बाकी किसान अपनी आलसीपन को कोसकर अगले साल खेती करना का इंतजार करते है।
* तो कहानी का सारांश यह है कि
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Raveena

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