हया शर्म से, शरमाई हुई, किसके कुरब से, मुसलसल चढता नशा सा हो, सादगी भरी, हर पैरहन में कमाल लगे, ऐसा उसका जमाल, कि, बस दिल इख्तियार में ना रहे नमस्कार लेखकों | हमारे #rzhindi पोस्ट पर Collab करें और अपने शब्दों से अपने विचार व्यक्त करें Sketch by - @dhruvi vekariya #rzsaundaryakipehchan #yqrestzone #yqdidi #collabwithrestzone #restzone #YourQuoteAndMine Collaborating with Rest Zone