आंखे बंद थी मेरी रात भर नींद फिर भी न आई हमें रात भर, बिस्तर बदलना मुमकिन न था करवटें बदलते रहे हम रात भर, बिना नींद ख्वाब भी देखते कैसे उसकी तस्वीर देखते रहे हम रात भर.../ ©SIDDHANT KUMAR क्या सच में नींद उड़ती है इश्क में? . . #no_hash_tags