महात्मा हंस राज जी भाग 4 ©Aarchi Advani Saini जिस रात इस धरती के महान सपूत ने लाहौर में अंतिम सांस ली। उस वक्त उनके पार्थिव शरीर को डीएवी कॉलेज लाया गया तो सभी समुदायों के हजारों लोग शोक मनाने और अंतिम दर्शन करने के लिए एकत्र हुए थे। उनका एक बड़ा अंतिम संस्कार जुलूस था जो अनारकली बाजार की सड़कों से होकर गुजरता था और रावी के तट पर श्मशान घाट पर सभी शोकसभाओं को समायोजित करना असंभव हो गया था। अगली सुबह अखबारों ने खबर दी कि पूरब में शिक्षा का सूरज ढल चुका है। #महात्महंसराज #SunSet