गुरु मै नाव , नाविक है आप। मै मूर्ति , मूर्तिकार है आप। मै पुस्तक , लेखक है आप। मै कविता , कवि है आप। मै प्रकति , परमात्मा है आप। मै चाँद , सूर्य है आप। मै कुआँ , जल है आप। मै बाग , माली है आप। मै मन्दिर , भगवान है आप। मै कला , कलाकार है आप। मै फसल , कृषक है आप। मै शरीर , पोषण है आप। मै दिप , ज्योति है आप। मै निराशा , आशा है आप। मै तम , रोशनी है आप। मै शिल्प , शिल्पकार है आप। मै चित्र , चित्रकार है आप। मै पेन , श्याही है आप। मै हार ,जीत है आप। मै अज्ञान , ज्ञान है आप। मै भटकी राहगीर , राह दिखाने वाले हैं आप। मै अस्तित्व विहिन , मेरा अस्तित्व है आप। मै पुष्प तव चरणों की , मेरे ईश है आप। मुझमे जो है , ज्ञान है आपका। मै शिष्या हुँ , गुरु है आप। आपकी महिमा के बखान में,नाकामियाब हू मै। ✍️ नेहा टाक #teachersday2020 #RESPECT #teachers