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ओजस्विनी हाव भाव स्पष्ट हो हीन भाव नष्ट हो ओज गुण

ओजस्विनी

हाव भाव स्पष्ट हो
हीन भाव नष्ट हो
ओज गुण को तुम
जरा निखार दो

आवाज में दहाड़ हो
पथ में जो पहाड़ हो
शौर्य से उसे तुम
मिटा सको

शूर हम बनें यहीं
क्रूर से डरे नहीं
बाजुओं से शत्रु को
पछाड़ दो

विघ्न से डरे नहीं
यत्न हम करें सभी
सबका यहां हृदय 
शक्तिमान हो

स्वयं पर अभिमान हो
जब जंग का ऐलान हो
वीरता का तुम यहां
प्रमाण दो

शत्रुओं की हार में
सबके बलिदान में
ध्वज ये तिरंगा
आज यहां गाड़ दो।।


आकांक्षा नन्दन #ओजस्विनी
ओजस्विनी

हाव भाव स्पष्ट हो
हीन भाव नष्ट हो
ओज गुण को तुम
जरा निखार दो

आवाज में दहाड़ हो
पथ में जो पहाड़ हो
शौर्य से उसे तुम
मिटा सको

शूर हम बनें यहीं
क्रूर से डरे नहीं
बाजुओं से शत्रु को
पछाड़ दो

विघ्न से डरे नहीं
यत्न हम करें सभी
सबका यहां हृदय 
शक्तिमान हो

स्वयं पर अभिमान हो
जब जंग का ऐलान हो
वीरता का तुम यहां
प्रमाण दो

शत्रुओं की हार में
सबके बलिदान में
ध्वज ये तिरंगा
आज यहां गाड़ दो।।


आकांक्षा नन्दन #ओजस्विनी