परछाई, स्ट्रीट के लैम्प, ये आधी अधूरी रोशनी ना जाने जमाने को तलब किसकी है हर किसी की अपनी कहानी, फिर रवानी किसकी है क्या ही देखता होगा कोई, अपने नजरों के दर्पण से असल में तो दुनियाभर की मुश्किलात बचकानी है ढूँढ रहा है क्या चित्रों में तू , खड़ा छाते वाला आदमी कोई इसे बतलाए मुर्शिद,जंग और रणक्षेत्र बस अपनी है ©Rumaisa #dhundh #Jmana #talab #Aadmi #Hat #Streetlight #lamp #Hindi #quote