देह से देह का अनुष्ठान मात्र प्रेम की परिणति नही है........ प्रत्येक व्यक्ति प्रेंम का आनन्द लेना चाहता है भाव से भाव के तार को जोड़ना चाहता हैं कहना चाहता है वो सब जो उसे अवसाद ग्रस्त करता है परन्तु...... प्रेम कितना ही सात्विक तथा निष्ठावान क्यों न हो कृष्ण और राधा बाद में पूजे ही क्यों न जाएं पर तात्कालिक समाज उन्हें स्वीकार नही कर सकता #गहन #प्रेम