मन ने पूछा मुझे *गीता* क्यूं समझ नही आती? मन ने बुद्धि से पूछा, मुझे *गीता* समझ क्यूं आती? बुद्धि ने अंतर्मन को ये प्रश्न दोहराया, *अन्तर्मन* से उत्तर आया.... तुम्हारा जीवन क्रम उल्टा है... क्रम जीवन का ....ये होना चाहिए, इंद्रियां ...मन के अनुकूल चलें, मन....बुद्धि की बात सुने,