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जब भी सुलझाना चाहा ज़िंदगी के उलझनों को जवाब तो न

जब भी सुलझाना चाहा 
ज़िंदगी के उलझनों को
जवाब तो ना मिला 
लेकिन हर एक सवाल पर 
ज़िंदगी उलझती चली गई
ज़िंदगी को बस एक ही जवाब
तू अपनी जगह सही 
मैं अपने जगह सही
ऐ ज़िंदगी! तू खेलती बहुत है 
हमारे खुशियों से 
जबरदस्त इरादे के पक्के हम हैं 
मुस्कुराना नहीं छोड़ेंगे
कोई तो सुलझा दे उलझती ज़िंदगी को
बहुत तलब लगी है आज मुस्कुराने की।। ♥️ Challenge-703 #collabwithकोराकाग़ज़ 

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जब भी सुलझाना चाहा 
ज़िंदगी के उलझनों को
जवाब तो ना मिला 
लेकिन हर एक सवाल पर 
ज़िंदगी उलझती चली गई
ज़िंदगी को बस एक ही जवाब
तू अपनी जगह सही 
मैं अपने जगह सही
ऐ ज़िंदगी! तू खेलती बहुत है 
हमारे खुशियों से 
जबरदस्त इरादे के पक्के हम हैं 
मुस्कुराना नहीं छोड़ेंगे
कोई तो सुलझा दे उलझती ज़िंदगी को
बहुत तलब लगी है आज मुस्कुराने की।। ♥️ Challenge-703 #collabwithकोराकाग़ज़ 

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