नवरात्रों में पूजा जाता है बेटी को बाकी रातों को होता है बलात्कार यहां ऐसे तो लगते हैं नारे बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ के पर रातों को होता है नंगा नाच यहां रूह तक कांप जाती है मेरी यह कैसे कर देते हैं ये घिनौना काम यहां नाम का पूजन है बस बाकी बना रखा है इसे हाथ का सामान यहां 😢🖋m.s.k_thought #नम_आंखें