दीवारें ऊंची हैं गालियां हैं तंग लम्बी डगर है पर हिम्मत है संग पाऊं पे छाले हैं सांसें बुलंद लड़ने चली हूँ आज़ादी कि जंग. बेख़ौफ़ आज़ाद है जीना मुझे बेख़ौफ़ आज़ाद है रहना मुझे बेख़ौफ़ आज़ाद है जीना मुझे बेख़ौफ़ आज़ाद है रहना मुझे रीति कि ज़ंजीरें खा गयी ज़ंग न्याय के मंदिर भी हो गए भंग ज़माना चले ना चले मेरे संग बोलूंगी हल्ला, आवाज़ दबंग. बेख़ौफ़ आज़ाद है जीना मुझे बेख़ौफ़ आज़ाद है रहना मुझे बेख़ौफ़ आज़ाद है जीना मुझे बेख़ौफ़ आज़ाद है रहना मुझे चोटें जिस्म पर मरहम उमंग लाश नहीं हूँ मन ज़िंदा पतंग दिल में उमीदें और ख़ुशियों के रंग हर आंसू बनेगा इक नयी तरंग. बेख़ौफ़ आज़ाद है जीना मुझे बेख़ौफ़ आज़ाद है रहना मुझे बेख़ौफ़ आज़ाद है जीना मुझे बेख़ौफ़ आज़ाद है रहना मुझे दीवारें ऊंची हैं गालियां हैं तंग लम्बी डगर है पर हिम्मत है संग पाऊं पे छाले हैं सांसें बुलंद लड़ने चली हूँ आज़ादी कि जंग. बेख़ौफ़ आज़ाद है जीना मुझे बेख़ौफ़ आज़ाद है रहना मुझे बेख़ौफ़ आज़ाद है जीना मुझे बेख़ौफ़ आज़ाद है रहना मुझे do you feel like a man when you beat a women? #fightingrape #world's_mens_day