#तिरंगा_मेरा_अभिमान ©Shaivya Bhadauriya ना जाने क्या हुआ, कब खेत खलियान नापाक हुआ.. खेतिहर की सब्री ख़ाक हो गयी, ख़ुद की इज्ज़त राख हो गयी, शहीदों की क़ुरबानी भी बर्बाद हो गयी, जब गणतंत्र की नाफ़रमानी हो गयी, अब और क्या कहे, जब तिरंगे की ही बदनामी हो गयी ।।