थी उम्र उसकी पढ़ने की थी उम्र उसकी खेलने की परिवार की हालत उसके तंग थी घर की शान्ति उसके भंग थी गरिबी ने बचपन छीना हाथ से खिलोने छिने छिना उसका बालपन छिना उसका लडकपन #बाल मजदूरी