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स्वार्थ की दुनिया निराली है यारो प्रेम ने ओढ ली स्

स्वार्थ की दुनिया निराली है यारो
प्रेम ने ओढ ली स्वार्थ की चादर यारो

छिप गए हर रिश्ते स्वार्थ की चादर में
और खड़ी हो गई दीवार रिश्तों में

ना तहज़ीब रही ना तमीज़ रही
ना सुंदर प्यारी सोच रही

मैं, ने हम का स्थान लिया
यूँ अपनों को हमने पराया किया
 🎀 Challenge-208 #collabwithकोराकाग़ज़

🎀 यह व्यक्तिगत रचना वाला विषय है।

🎀 कृपया अपनी रचना का Font छोटा रखिए ऐसा करने से वालपेपर खराब नहीं लगता और रचना भी अच्छी दिखती है।

🎀 विषय वाले शब्द आपकी रचना में होना अनिवार्य नहीं है। आप अपने अनुसार लिख सकते हैं। कोई शब्द सीमा नहीं है।
स्वार्थ की दुनिया निराली है यारो
प्रेम ने ओढ ली स्वार्थ की चादर यारो

छिप गए हर रिश्ते स्वार्थ की चादर में
और खड़ी हो गई दीवार रिश्तों में

ना तहज़ीब रही ना तमीज़ रही
ना सुंदर प्यारी सोच रही

मैं, ने हम का स्थान लिया
यूँ अपनों को हमने पराया किया
 🎀 Challenge-208 #collabwithकोराकाग़ज़

🎀 यह व्यक्तिगत रचना वाला विषय है।

🎀 कृपया अपनी रचना का Font छोटा रखिए ऐसा करने से वालपेपर खराब नहीं लगता और रचना भी अच्छी दिखती है।

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krishvj9297

Krish Vj

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