कहीं भी हो मगर मुझको तिरा चेहरा दिखाई दे नफ़स में हो हवा में हो तिरी आवाज़ सुनाई दे चलो इस क़ैद से मैं दूर होता जा रहा ऐसे कोई पिंजरे से पंछी को कहीं जैसे रिहाई दे ©सानू #Rihai #nojoto #hindi #shayari