मैं ऊँचे दिमाग की , छोटी लड़की खुद को सही और सबसे अच्छा समझने वाली हमेशा gussat नाक पर लिए घूमती किसी को कुछ भी कह देती बिना यह सोचे कि दूसरों को कैसा लगेगा और उम्मीद करती कि वह लोग समझे मुझे और मेरे गुस्से को मेरी अनाव शनाब बातों को दिल से ना लगा कर, भुला दें लेकिन कोई मुझे चुभती बात ना कहे लेकिन कहते हैं ना घमंड का घड़ा फूटता ही है मेरा भी फूटा,मगर देर से होश आया, पर सब गवाने के बाद माफी भी मांगू तो नाटक ही लगेगा सबको क्युंकि, जब मेरा वक्त था, तब मैं ना समझ पाई और आज मुझे कोई नही समझता यही है जीवन का यथार्थ ©Anita Mishra #zingdi