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प्रकृति की सुंदरता (कविता) सुबह सवेरे पूरब से जब

प्रकृति की सुंदरता (कविता)

सुबह सवेरे पूरब से जब किरणों संग सूर्योदय होता है,
लगता है वो दृश्य अति मनोहर, मन आनंदित होता है।

कहीं धूप,कहीं छांव निराली चारों ओर फैली हरियाली,
प्रकृति की सुंदरता को देख कर,मन प्रफुल्लित होता है।

कभी पतझड़ लाती, कभी बसंत,कभी गर्मी,कभी सर्दी,
हर मौसम की अपनी सुंदरता, हर रूप अनोखा होता है।

वन,नदियांँ,पर्वत और सागर गरिमा बढ़ाते हैं प्रकृति की,
अन्न,धन,जल व उर्जा का प्रकृति में भंडार भरा होता है।

पशु-पक्षी गाते हैं तितली और भंँवरे बागों में गुनगुनाते हैं,
कभी बादल,कभी नीला आसमान खूबसूरती बढ़ाता है।

प्रकृति की सुंदरता बचाने का हमको प्रयास करना होगा,
प्रकृति पर ही तो सभी जीवों का जीवन आश्रित होता है।


 प्रकृति की सुंदरता(कविता)

#कोराकागज 
#collabwithकोराकागज
#KKPC16 
#विशेषप्रतियोगिता
प्रकृति की सुंदरता (कविता)

सुबह सवेरे पूरब से जब किरणों संग सूर्योदय होता है,
लगता है वो दृश्य अति मनोहर, मन आनंदित होता है।

कहीं धूप,कहीं छांव निराली चारों ओर फैली हरियाली,
प्रकृति की सुंदरता को देख कर,मन प्रफुल्लित होता है।

कभी पतझड़ लाती, कभी बसंत,कभी गर्मी,कभी सर्दी,
हर मौसम की अपनी सुंदरता, हर रूप अनोखा होता है।

वन,नदियांँ,पर्वत और सागर गरिमा बढ़ाते हैं प्रकृति की,
अन्न,धन,जल व उर्जा का प्रकृति में भंडार भरा होता है।

पशु-पक्षी गाते हैं तितली और भंँवरे बागों में गुनगुनाते हैं,
कभी बादल,कभी नीला आसमान खूबसूरती बढ़ाता है।

प्रकृति की सुंदरता बचाने का हमको प्रयास करना होगा,
प्रकृति पर ही तो सभी जीवों का जीवन आश्रित होता है।


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