खुशियों से भरा मन अचानक, छोटा सा मोहल्ला मेरा, पूरा बिग बाजार था! छोटे छोटे घर थे पर,हर आदमी बङा दिलदार था। कहीं भी रोटी खा लेते थे,हर घर मे भोजऩ तैयार था। गट्टे की सब्जी मजे से खाते थे,जिसके आगे शाही पनीर बेकार था। ना कोई मैगी ना पिज़्ज़ा...झटपट पापड़, भुजिया, या फिर दलिया तैयार था। मुल्तानी माटी लगा नहा लेते,साबुन और स्विमिंग पूल सब बेकार था। और फिर कबड्डी खेल लेते,हमें कहाँ क्रिकेट का खुमार था । मा से कहानी सुन लेते,कहाँ टेलीविज़न और अखबार था। भाई-भाई को देख के खुश था,सभी लोगों मे बहुत प्यार था। छोटा सा मोहल्ला मेरा, पूरा बिग बाजार था. #Nojoto#my Quote