मेरे हाथो में अपने हाथ रख के खायी हुई क़सम की भी कोई तवज्जो नहीं की उसने, और निष्ठुर तो इतनी कि जाते जाते पैरों के निशां भी मिटा गई... #निष्ठुर #कसम #निशां #तवज्जो