Nojoto: Largest Storytelling Platform

विश्वास वक़्त की दहलीज़ से अब विश्वास वक़्त की दहलीज़

विश्वास वक़्त की दहलीज़ से

अब विश्वास वक़्त की दहलीज़ से बड़ा हो चला है 
या ये मेरा भरम है।
वो शोक हसीना तो नहीं, और ना मेरी उलझन है।  

अब उनका चेहरा खुर्शीद से जयदा चमकता है 
या उनकी अदाओं का दर्पण है।  
मैं आज भी अदम हूँ क्या, या अर्श पर मेरा सनम है।  

अब आंच से भी जयदा उनके आंचल में तपीस है
या वो फूल है हमदम है।  
मुझमे आतिश है बची, या उनका आब-ए-चश्म है।

अब क्या आब-ए-तल्ख़ मेरी उन तक पहुंच जाती है
या मैं आसमानी हो गया हूँ।  
वो कोई अप्सरा तो नहीं है, या में आवारा हो गया हूँ।  
आपका अपना दोस्त।  तनहा शायर हूँ

©Tanha Shayar hu Yash
  #Colors #urdu #urdu_poetry #urdu_quote #tanhashayari #tanhapoem #Sad💔 #sad_feeling #sadpoetry